6 माह बाद पकड़ाया शराब तस्करी में फरार अरोपी,14 साल बाद मिली बालिका

उज्जैन। राघवी क्षेत्र के ग्राम जगोटी की रहने वाली 16 साल की बालिका वर्ष 2011 अक्टूबर माह में लापता हो गई थी। परिजनों ने उसके अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन पता नहीं चल पा रहा था। 14 साल बाद खबर मिली कि लापता हुई बालिका अब बालिग हो चुकी है और सुखराम पिता बाबूलाल बागरी निवासी जगोटी के साथ ग्राम भीमाखेड़ा, महिदपुर स्थित शिव मंदिर के पास दिखाई दी है। थाना प्रभारी विरेन्द्र बंदेवार ने टीम को रवाना किया और अपहृत हुई बालिका कोे दस्तयाब करते हुए सुखराम बागरी को हिरासत में लिया। बताया जा रहा है कि बालिका 30 साल की हो चुकी है और एक बच्चे की मां है। सुखराम के साथ 14 साल से राजस्थान के ग्राम भिवाड़ी जिला अलवर में रह रही थी। थाना प्रभारी बंदेवार के अनुसार मामला अहरण का होने पर आरोपी सुखराम के खिलाफ दुष्कर्म और पास्को एक्ट का प्रकरण दर्ज किया गया है। जिसे न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है।
बड़नगर थाना क्षेत्र के केसुररोड पर 21 दिसंबर 2024 को चैकिंग के दौरान पुलिस ने स्विफ्ट कार क्रमांक जीजे 17 ए 8116 को रोका था। उसमें 2 युवक सवार थे, दोनों पुलिस को देख भाग निकले थे। कार की तलाशी लेने पर उसमें 1.64 लाख कीमत की अवैध शराब भरी होना सामने आई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर भागे आरोपियों की तलाश शुरू की थी। 21 दिन बाद एक आरोपी बलराम पिता रमेश भील को गिरफ्तार कर लिया गया था। दूसरा फरार चल रहा था। जिसकी 6 माह से तलाश थी। थाना प्रभारी अशोक कुमार पाटीदार ने बताया कि गुरूवार शाम खबर मिली कि अवैध शराब मामले में फरार आरोपी सीताराम पिता सुखराम डोडियार निवासी उनडवा थाना पेटलावद जिला झाबुआ के बदनावर चौपाटी पर आने की खबर मिली। तत्काल टीम रवाना की गई और फरार आरोपी को घेराबंदी कर पकड़ा गया। जिसे शुक्रवार को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है। थाना प्रभारी के अनुसार 21 दिसंबर 2024 को जप्त की गई कार की कीमत 6 लाख रूपये होना सामने आई थी। वहीं पूर्व गिरफ्तार आरोपी बलराम से पूछताछ के बाद अवैध शराब उपलब्ध कराने वाले ठेकेदार विशाल पारेता, मैनेजर मुकेश चौकसे, सेल्समेन निरंजन राजपूत, मोहन राजपूत को गिरफ्तार कर लिया था। जो देपालपुर शराब दुकान से अवैध शराब उपलब्ध कराते थे। फरार आरोपी को गिरफ्तार करने में एएसआई मानसिंह वास्कले, शैतानसिंह ड़िड़ोर, प्रधान आरक्षक राहुलसिंह राठौर, आरक्षक रुपेश पर्ले, संदीप बामनिया का सहयोग रहा।

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